1. When the people have gathered, the priest and the ministers go to the altar while the entrance song is being sung.
2. Arriving at the altar, the priest together with the ministers, makes the usual reverence, then he kisses the altar, and (if incense is used) incenses it. With the ministers, he goes to the chair. When the entrance song is ended, the priest and the faithful make the sign of the cross, as he says:
पु० - पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर ।
सब - आमेन ।
Then the priest, facing the people, extends his hands, and greets the congregation, saying:
पु० - हमारेप्रभु येसु ख्रीस्त की कृपा ईश्वर का प्रेम तथा पवित्र आत्मा का साहचर्य आप सब को प्राप्त हो ।
सब - और आपकी आत्मा के साथ।
वैकल्पिक अभिवादन – 1
पु० - हमारेपिता ईश्वर और येसु ख्रीस्त की कृपा और शाँति आपलोगों के साथ हो।
सब - धन्यहै ईश्वर, हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त का पिता ।
वैकल्पिक अभिवादन - 2
पु० - प्रभु आप लोगों के साथ हो।
सब - औरआपकी आत्मा के साथ भी।
धर्माध्यक्ष - प्रभु की शाँति आप लोगों के साथ हो।
सव - औरआपके साथ भी।
3. The priest or deacon or some other minister may briefly introduce the Mass of the day. Then follows the "Act of Penance". The priest invites the people to repent of their sins:
पु०
क- भाइयो (और बहनो), हम अपने पाप स्वीकार करें, ताकि हम यह पवित्र बलि चढ़ाने के योग्य बन जाएँ।
ख - भाइयो और बहनो, हमलोग अपने प्रभु येसु के प्रेम का समारोह मनानेवाले हैं, इसलिए हम अपने पाप स्वीकार कर प्रभु से क्षमा और बल माँगें।
ग- भाइयो और बहनो, यहाँ एकत्र हुए हैं। हम सब ईश्वर के परिवार होने के नाते हम अपने स्वर्गिक पिता से जो परम दयालु ईश्वर है, अपने पापों की क्षमा माँगें।
After a brief silence, he says:
पु०- हम सब मिलकर बोलें:
सब - हे भाइयो (और बहनो), मैं सर्वशक्तिमान् ईश्वर और आपलोगों के सामने स्वीकार करता हूँ कि मैंने मन-वचन-कंर्म से और अपना कर्त्तव्य पूरा न करने से (सब लोग अपनी छाती पीटते हुए बोलते हैं ) अपने कसूर से, अपने कसूर से, अपने भारी कसूर से घोर पाप किया है। इसलिए, मैं नित्य कुँवारी धन्य मरियम से, सब स्वर्गदूतों, संतों और आप लोगों से, हे भाइयो-बहनो, विनती करता हूँ कि आप लोग मेरे लिए प्रभु ईश्वर से प्रार्थना करें।
The priest says the absolution:
पु० - सर्वशक्तिमान् ईश्वर हमलोगों पर दया करे और हमारे पाप क्षमा कर हमको अनंत जीवन प्रदान करे।
सब -आमेन ।
4. Then following invocations are made.
पु० - हे प्रभु, दया कर। सब - हेप्रभु, दया कर।
पु०- हे ख्रीस्त, दया कर। सब - हे ख्रीस्त, दया कर।
पु०- हे प्रभु, दया कर । सब - हे प्रभु, दया कर।
वैकल्पिक पश्चात्ताप-विधि - 1
पुरोहित: भाइयो और बहनो, हम अपने पापों को स्वीकार करें, ताकि हम यह पवित्र बलि चढ़ाने के योग्य बन जाएँ।
After a brief silence, the priest says:
पुरोहित: हे प्रभु, हम पर दया कर।
सब: हमने तेरे विरुद्ध पाप किया है।
पुरोहित: हे प्रभु, हम पर अपनी दया प्रदर्शित कर।
सब: और हमें अपनी मुक्ति प्रदान कर।
पुरोहित: सर्वशक्तिमान् ईश्वर हम लोगों पर दया करे और हमारे पाप क्षमा कर हमें अनंत जीवन प्रदान करे।
सब: आमेन।
वैकल्पिक पश्चात्ताप-विधि - 2
पुरोहित: भाइयो और बहनो, हम अपने पापों को स्वीकार करें, ताकि हम यह पवित्र बलि चढ़ाने के योग्य बन जाएँ।
After a brief silence, the priest says:
पुरोहित: तू पश्चात्ताप करनेवालों को क्षमा प्रदान करने आया है; हे प्रभु, दया कर।
सब: हे प्रभु, दया कर।
पुरोहित: तू पापियों को बुलाने आया है; हे खीस्त, दया कर।
सब: हे खीस्त, दया कर।
पुरोहित: तू पिता के दाहिने विराजमान होकर हमारे लिए प्रार्थना करता है; हे प्रभु, दया कर।
सब: हे प्रभु, दया कर।
पुरोहित: सर्वशक्तिमान् ईश्वर हमलोगों पर दया करे और हमारे पाप क्षमा कर हमें अनंत जीवन प्रदान करे।
सब: आमेन।
5. Then the "Gloria" is said or sung (Whenever it is prescribed).
पु०- सर्वोच्च स्वर्ग में ईश्वर की महिमा,
सब - और पृथ्वी पर उसके कृपापात्रों को शांति !
हे प्रभु ईश्वर, स्वर्ग के राजा,
सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर !
हम तेरी प्रशंसा करते हैं,
हम तुझे धन्य कहते हैं,
हम तेरी आराधना करते हैं,
हम तेरी महिमा गाते हैं,
हम तेरी अपार महिमा के कारण तेरा गुणगान करते हैं।
हे प्रभु येसु खीस्त, इकलौते पुत्र !
हे प्रभु ईश्वर ! ईश्वर के मेमने, पिता के पुत्र !
तू संसार के पाप हर लेता है - हम पर दया कर;
तू संसार के पाप हर लेता है - हमारा निवेदन स्वीकार कर;
तू पिता के दाहिने विराजमान है - हम पर दया कर।
क्योंकि तू ही पवित्र है, तू ही प्रभु है,
तू ही, हे येसु खीस्त, पवित्र आत्मा के संग
पिता ईश्वर की महिमा में सर्वोच्च है।
आमेन।
6. When the "Gloria" is ended, the priest, with hands joined, sings or says:
पु० - हम प्रार्थना करें।
All pray in silence with the priest for a short while. Then the priest extends his hands and says the opening prayer (निवेदन). At the end the people answer:
सब - आमेन।
7. The reader goes to the lectern for the first reading. All sit and listen. To indicate the end, the reader adds:
पाठक - (अन्त में कहता है) प्रभु की वाणी।)
सब - ईश्वर को धन्यवाद ।
8. The cantor or the reader sings or recites the psalm, and the people make the response.
9. If there is a second reading, it is read from the lectern in the same manner. The conclusion and the response are the same too:
पाठक - (अन्त में कहता है) प्रभु की वाणी।)
सब - ईश्वर को धन्यवाद ।
10. The "Alleluia" or another chant follows.
11. Meanwhile, if incense is to be used, the priest puts some in the censer. Then the deacon, who is to read the Gospel, bows to the priest, and in a low voice asks the blessing:
उपयाजक - मान्यवरपिता ! मुझे आशीर्वाद दें।
The priest says in a low voice:
पु० - प्रभु आपके हृदय में और आपकी जिह्वा पर हो, जिस से आप योग्य रीति से पवित्र सुसमाचार सुना सकें; पिता और पुत्र के नाम पर । और पवित्र आत्मा
उपयाजक - आमेन ।
(If there is no deacon, the priest goes and bows before the altar. There he says in a low voice :)
पु०- हे सर्वशक्तिमान् ईश्वर ! तू मेरा हृदय और जिह्वा शुद्ध कर जिस से मैं योग्य रीति से तेरा सुसमाचार सुना सकूँ।
12. Then the deacon, or the priest, goes to the lectern. He may be accompanied by two ministers carrying lighted candles, and the thurifer. With hands joined he says or sings:
पुरोहित: प्रभु आप लोगों के साथ हो।
सब: और आपकी आत्मा के साथ।
पुरोहित: सन्त ........ के अनुसार पवित्र सुसमाचार।
He makes the sign of the cross on the book, and then on the forehead, lips and breast.
सब:हे प्रभु, तेरी महिमा हो !
Then, if incense is used, the deacon (or priest) incenses the book, and reads the Gospel.
13. At the end of the Gospel the deacon (or priest) says:
पुरोहित: (सुसमाचार पाठ के अन्त में कहते हैं) प्रभु का सुसमाचार।
सब:हे खीस्त, तेरी स्तुति हो !
Then he kisses the book, saying in a low voice:
पुरोहित: सुसमाचार के सब्द हमारे पाप मिटा दें ।
14. The Homily is given on all Sundays and Holy days of obligation. It is recommended on other days.
15. After the homily, the profession of faith is made whenever it is prescribed. All stand and say the Nicene Creed in Ordinary Time.
Nicene Creed (नीसिया-कान्स्टैंटिनोपल धर्मसार):
पुरोहित: मैं सर्वशक्तिमान् पिता
सब: स्वर्ग और पृथ्वी, सब दृश्य और अदृश्य वस्तुओं के सृष्टिकर्त्ता - एक ही ईश्वर में विश्वास करता हूँ। मैं ईश्वर के इकलौते पुत्र, एक ही प्रभु येसु खीस्त में विश्वास करता हूँ, जो सभी युगों के पहले पिता से उत्पन्न है। वह ईश्वर से उत्पन्न ईश्वर, प्रकाश से उत्पन्न प्रकाश, सच्चे ईश्वर से उत्पन्न सच्चा ईश्वर है, वह बनाया हुआ नहीं, बल्कि उत्पन्न हुआ है, वह पिता के साथ एकतत्त्व है; उसी के द्वारा सब कुछ सृष्ट हुआ। वह हम मनुष्यों के लिए और हमारी मुक्ति के लिए स्वर्ग से उतरा (At the words that follow, up to and including and became man, all bow) और पवित्र आत्मा के द्वारा कुँवारी मरियम से देह धारणकर मनुष्य बना। उसने पोंतुस पिलातुस के समय दुःख भोगा, वह हमारे लिए क्रूस पर ठोंका गया, वह मर गया और दफ़नाया गया और धर्मग्रंथ के अनुसार तीसरे दिन फिर से जी उठा। वह स्वर्ग में आरोहित हुआ और पिता के दाहिने विराजमान है। वह जीवितों और मृतकों का न्याय करने महिमा के साथ फिर आएगा और उसके राज्य का कभी अंत नहीं होगा। मैं पवित्र आत्मा में विश्वास करता हूँ। वह प्रभु और जीवनदाता है, वह पिता और पुत्र से प्रसृत होता है, पिता और पुत्र के साथ उसकी आराधना और महिमा होती है, वह नबियों के मुख से बोला है। मैं एक, पवित्र, काथलिक तथा प्रेरितिक कलीसिया में विश्वास करता हूँ। मैं पापों की क्षमा के लिए एक ही बपतिस्मा स्वीकार करता हूँ और मृतकों के पुनरुत्थान तथा अनंत जीवन की बाट जोहता हूँ। आमेन।
16. Instead of the Nicene Creed, the Apostles’ Creed is said during Lenten and Easter Season.
Apostles’ Creed (प्रेरितिक धर्मसार):
पुरोहित: मैं स्वर्ग और पृथ्वी के सृष्टिकर्त्ता
सब:... सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर, और उसके इकलौते पुत्र, अपने प्रभु येसु खीस्त में विश्वास करता हूँ, (At the words that follow, up to and including the Virgin Mary, all bow) जो पवित्र आत्मा के द्वारा गर्भ में आया कुँवारी मरियम से जन्मा, पोंतुस पिलातुस के समय दुःख भोगा, क्रूस पर चढ़ाया गया, मर गया और दफ़नाया गया; वह अधोलोक में उतरा, और तीसरे दिन मृतकों में से फिर जी उठा; वह स्वर्ग में आरोहित हुआ और सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर के दाहिने विराजमान है; वहाँ से वह:जीवितों और मृतकों का न्याय करने आएगा। मैं पवित्र आत्मा, पवित्र काथलिक कलीसिया, धर्मियों की सहभागिता, पापों की क्षमा, देह के पुनरुत्थान और अनंत जीवन में विश्वास करता हूँ। आमेन।
The priest introduces the Universal Prayer.
सार्वभौमिक प्रार्थना (विश्वासियों का निवेदन)
(हर निवेदन के बाद)
सब: हे पिता, हमारी प्रार्थना सुन। (या कोई अन्य उत्तर)